साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता "ओमप्रकाश"
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
अनुभव एक ताबीज है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जो थक बैठते नहीं है राहों में
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
*स्वामी विवेकानंद* 【कुंडलिया】
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
💐प्रेम कौतुक-355💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)