पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । परन्तु वर्षौं से दलगत पत्रकारों की भातृसंगठन में आबद्ध, अंधभक्त और पूर्वाग्रही पत्रकारों के ही भाषा में जवाब देना एक जेन्यून पत्रकार के लिए बेहद कठिन हैं । क्योकिं अराजक और स्खलित मानसिकता वाले पत्रकारों की भाषा, शैली और तर्ज वह जानता नहीं हैं । ●दिनेश_यादव,काठमाण्डू