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6 May 2024 · 1 min read

पढ़ो लिखो आगे बढ़ो…

पढ़ो लिखो आगे बढ़ो…

पढ़ो लिखो आगे बढ़ो।
सोपान प्रगति के चढ़ो।
कमजोरियों के अपनी,
दोष न औरों पर मढ़ो।

घुस रीढ़ में समाज की,
डस रहीं जो कुरीतियाँ।
उन्हें मिटाने को तुम्हीं,
बनो महा विभूतियाँ।

हितकर हों सबके लिए,
नियम सदा ऐसे गढ़ो।

बद आसुरी प्रवृत्तियाँ,
नित तुम्हें भरमाएँगी।
स्वार्थ-लोभ-मद की गलत,
लत तुम्हें लगवाएँगी।

असत्य कुमार्ग पर चले,
पाठ नित्य सत् के पढ़ो।

पढ़ो लिखो आगे बढ़ो।
सोपान प्रगति के चढ़ो।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 37 Views
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