पछताता हूं फिर भी
पछताता हूं फिर भी
कुछ नही पता हूं
चार दिन काम किया जिस
मिल में वहा से निकाला जाता हूं
बड़ी मसकत से एक जगह
काम मिला था
पर वो मालिक नमकहराम
निकला था
कई विभागों में जहा
बटा था काम सबका
वहा पसंद नहीं आया
विभाग मेरा
बस इतना ही बोला
था किसी और विभाग में
काम दे दो भगवान हमारे
इतनी बात पे वो
चिढ़ गया काम छोड़ दे
वो अपनी बातो पे दृढ़ हुआ
अगले दिन बुलाया था
पैसे देने जाने पे
सुना दिया चार दिन का नहीं मिलता
यहां कुछ जा चला जा नही देने
अपना भाग्य पे
पछताता हूं
पर विधाता के लेखनी
के सामने में न कुछ कर पाता हूं