Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2017 · 1 min read

!! पंछी का दर्द भी समझो इंसानों !!

पंछी आंसू बहाते हैं
पर कह नहीं सकते किसी से
तुम तो आंसू बहा कर
जता तो देते हो सभी को !!

दर्द उनका कोई समझता नहीं
दर्द पर दर्द दे देते हैं लोग
कभी हाथ से सहला कर देखो
परिंदों के भी भाव होते हैं दुनिया वालो !!

किसी से बयां नहीं कर पाते
बस आंसू बहा दिया करते हैं
एक तीर से जब घायल करता है कोई
अपने आंसू खुद ही वो पी लेते हैं !!

न उजाड़ देना घर उनका
उनको भी परिवार प्यारा होता है
जैसे तुम सीने से लगाते हो अपनों को
उनका भी ऐसा ही नजारा होता है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1773 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sushila joshi
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
gurudeenverma198
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
"बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
Neeraj kumar Soni
प्यारे बप्पा
प्यारे बप्पा
Mamta Rani
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
Rj Anand Prajapati
🙅एक सच🙅
🙅एक सच🙅
*प्रणय*
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
प्रेम कब, कहाँ और कैसे ख़त्म हो जाता है!
पूर्वार्थ
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
P S Dhami
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
VINOD CHAUHAN
"इमली"
Dr. Kishan tandon kranti
3360.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3360.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हिंदी - दिवस
हिंदी - दिवस
Ramswaroop Dinkar
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
कवि रमेशराज
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नसीहत
नसीहत
Slok maurya "umang"
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बीता हुआ कल वापस नहीं आता
बीता हुआ कल वापस नहीं आता
Anamika Tiwari 'annpurna '
तुम अपनी शादी में बुलाना  मै  आऊंगा जरूर....
तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर....
Vishal Prajapati
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
VEDANTA PATEL
अगर पात्रता सिद्ध कर स्त्री पुरुष को मां बाप बनना हो तो कितन
अगर पात्रता सिद्ध कर स्त्री पुरुष को मां बाप बनना हो तो कितन
Pankaj Kushwaha
दीपावली का पर्व महान
दीपावली का पर्व महान
हरीश पटेल ' हर'
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
*श्री उमाकांत गुप्त (कुंडलिया)*
*श्री उमाकांत गुप्त (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
Rituraj shivem verma
पत्रकार की कलम देख डरे
पत्रकार की कलम देख डरे
Neeraj Mishra " नीर "
“इसे शिष्टाचार कहते हैं”
“इसे शिष्टाचार कहते हैं”
DrLakshman Jha Parimal
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
Sunil Maheshwari
रिश्ते रेशम डोर से,
रिश्ते रेशम डोर से,
sushil sarna
Loading...