पंचवर्षीय योजनाएँ
उस राज्य का विचित्र विधान था। कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद पर 5 वर्ष के लिए सिर्फ एक बार ही चुना जा सकता था। उन्हें सेवा निवृत्ति के पश्चात निर्जन द्वीप पर सपरिवार निर्वासित कर दिए जाते थे। फलस्वरूप जीवन की संध्या कष्टपूर्ण ढंग से व्यतीत होती थी।
एक बार विवेक प्रताप नामक व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद पर चुने गए। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते ही सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निर्वासन क्षेत्र के विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाएँ तैयार करवाई।
योजनानुसार उस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास कराया गया। अब वह क्षेत्र बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन इत्यादि नागरिक सुविधाओं से परिपूर्ण हो गया, जहाँ प्रधानमंत्री विवेक प्रताप सेवा निवृत्त होने के पश्चात सपरिवार सुखमय जीवन व्यतीत करने लगे।
याद रखें, यह विधान हर व्यक्ति पर लागू होता है। बेहतर यही कि युवावस्था में सुखद भविष्य की दिशा में हर इंसान कोई ठोस कदम उठाए।
प्रकाशित लघुकथा संग्रह : मन की आँखें (दलहा, भाग-1) से,,,,
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलियंस अवार्ड प्राप्त।