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9 Apr 2018 · 1 min read

पंक्षी

पक्षियों को आबोदाना हो गया
गर्म मौसम जल पिलाना हो गया

हो परेशां जब भटकते है कही
घोंसला बुन कर ठिकाना हो गया

भर रहे उन्मुक्त नभ ऊँची उड़ां
कों शिकारी का निशाना हो गया

चुन रहे दाना उतर आकाश से
वृन्द खग का मिल घराना हो गया

प्रान अपने सा रहे उनमें सदा
प्यास उनकी तो बुझाना हो गया

कैद उनको पिंजड़े में यूँ करो
क्योंकि दिल उनका दुखाना हो गया

रोज जल भर कर रखे छत पर सभी
पुण्य कर्मों का कमाना हो गया

Language: Hindi
75 Likes · 545 Views
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