न होकर भी हो जाना
सुबह ओ जाने-जाना
तुम्हे ही देखना बुलाना,
सामने ही तो खड़ी हूं
कहना फिर छिप जाना।
घडी मे टाईम बताना
जल्दी करो है जाना,
बस लाई, तैयार है
खा लो फिर जाना।
सुनो बहाना न बनाना
ले लेना भूल न जाना,
जो कहा जरूरी समझ
जल्दी घर लौट आना।
ले आया न भूला कहा ना
अब पास आओ सुनो ना,
तुम हो तो हम, हम मे तुम
दिन रैन हंसना मुस्कुराना।
शाम रंगीन हो जाना
एक दूजे मे खो जाना,
किसकी लगी बदनजर
चलते-चलते रूक जाना।
उसे सोंच कर उठना
उसे सोंच कर सो जाना,
कितना मुश्किल होता है
न होकर भी हो जाना।
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297