Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2019 · 1 min read

न मै राम न मै रावण……

न मै राम न मै रावण
न ही हूँ मै श्रावण
कलयुग का इंसान हूँ
हाँ जी मै बेईमान हूँ
हमेशा दूजे पे ऊँगल उठाता
खुद की तरफ हैं जो चार ऊँगली
उनको है मै सदैव भूल ही जाता
झूठ कपट का है बोलबाला
मै भी पीता हूँ इसका प्याला
चोर चोर का शोर मचाता
सबकी नजर बचाकर खुद
हाथ साफ कर निकल जाता
जात पात की बात चलाकर
समाज मे मै द्वेष फैलाता
मन के शीशे से नजरे चुराकर
घृणा का पात्र बनने से बचाता
बनता हूँ मै महान हूँ मै बेईमान
क्योंकि कलयुग का हूँ इंसान
कहता हूँ खुद को #अंजान….. …..

#निखिल_कुमार_अंजान…..

Language: Hindi
223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
6-
6- "अयोध्या का राम मंदिर"
Dayanand
-- क्लेश तब और अब -
-- क्लेश तब और अब -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
3045.*पूर्णिका*
3045.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅आदिपुरुष🙅
🙅आदिपुरुष🙅
*Author प्रणय प्रभात*
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
तुम गजल मेरी हो
तुम गजल मेरी हो
साहित्य गौरव
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
Vishal babu (vishu)
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
"कठपुतली"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में सिर्फ हम ,
जिंदगी में सिर्फ हम ,
Neeraj Agarwal
गीतिका
गीतिका "बचाने कौन आएगा"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
तबकी  बात  और है,
तबकी बात और है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
राधा और मुरली को भी छोड़ना पड़ता हैं?
The_dk_poetry
दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll
दिलो को जला दे ,लफ्ज़ो मैं हम वो आग रखते है ll
गुप्तरत्न
*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
Ravi Prakash
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
gurudeenverma198
हम बेजान हैं।
हम बेजान हैं।
Taj Mohammad
विजेता
विजेता
Sanjay ' शून्य'
* मन कही *
* मन कही *
surenderpal vaidya
प्यार की भाषा
प्यार की भाषा
Surinder blackpen
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Sakshi Tripathi
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
पूर्वार्थ
कलयुगी की रिश्ते है साहब
कलयुगी की रिश्ते है साहब
Harminder Kaur
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
Loading...