न बोझ बनो
पथ पर डटकर
तुम रज-कण चाहे
जो बनो
पर न बोझ बनो
यहां पथ पथ
पर बाधा होगा
जीवन है सुख , दुख
से नाता होगा
कभी कांटो , कभी गुलाबो
पर चलना होगा
जीवन के हर परिस्थिति में
ढलना होगा
कोई काम छोटा या
बड़ा नही होता
संघर्ष से सुंदर
सूरत नहीं होता
जिसने तुम्हें त्यागा होगा
कुछ सोचा , कुछ जाना होगा
जान न अनजान बनो
आलस्य त्याग फिर से
महान बनो
यहां समझा कम
समझाया ज्यादा जाता है
पसंद तुम्हारी है
पथ या पथिक बनो
पुष्प बन घर ,आंगन ,
हर कोने कोने में महक उठो
नवजीवन में चहक उठो
पर न बोझ बनो