Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2023 · 1 min read

*बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)*

बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)
_________________________
बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार
नई-नई बीमारियॉं, करतीं नए प्रहार
करतीं नए प्रहार, नहीं कब्जे में आतीं
करतीं चकनाचूर, देह से मगर न जातीं
कहते रवि कविराय, चिकित्सा-पद्धति हारी
हुए गुणीजन फेल, नहीं हारी बीमारी
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451

149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
Radhakishan R. Mundhra
रात के सितारे
रात के सितारे
Neeraj Agarwal
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
फेसबुक
फेसबुक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुविचार
सुविचार
Sanjeev Kumar mishra
जख्म भरता है इसी बहाने से
जख्म भरता है इसी बहाने से
Anil Mishra Prahari
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गौरी सुत नंदन
गौरी सुत नंदन
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
#प्रेरक_प्रसंग-
#प्रेरक_प्रसंग-
*Author प्रणय प्रभात*
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
हम तुम्हारे साथ हैं
हम तुम्हारे साथ हैं
विक्रम कुमार
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ना जाने क्यों तुम,
ना जाने क्यों तुम,
Dr. Man Mohan Krishna
इस छोर से.....
इस छोर से.....
Shiva Awasthi
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran
दासी
दासी
Bodhisatva kastooriya
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
*हमारे घर आईं देवी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*हमारे घर आईं देवी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
Shivam Sharma
तुम्हारे प्रश्नों के कई
तुम्हारे प्रश्नों के कई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
.......
.......
शेखर सिंह
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
सब अपने दुख में दुखी, किसे सुनाएँ हाल।
सब अपने दुख में दुखी, किसे सुनाएँ हाल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*नया साल*
*नया साल*
Dushyant Kumar
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
पूर्वार्थ
Loading...