न्याय की तुला
न्याय की है तुला ,तौल रिश्ते बना,
सात फेरे नहीं, कामना से बना
झूलता ,डोलता ,आज विश्वास है,
कौन किसका यहाँ, कौन किसका बना ।1,।
भामिनी ना सगी , पुत्र भी न सगा,
ज्ञात होता नहीं, कौन यारौं ठगा ,
जांच गुणसूत्र की नित्य परिवाद में
जिन पे विश्वास था, दे गये वो दगा।2।
आज बदला समय, बदले नाते सभी
आज अपने नहीं, बेटी-बेटे अभी,
शक ही शक है यहां ,आज चारों तरफ
प्यार गुम हो गया, जो यहाँ था कभी।3।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव २७.९.२०१८