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31 Dec 2024 · 1 min read

*नैतिकता की कुछ ऐसे भी, बातें करने वाले हैं (हिंदी गजल)*

नैतिकता की कुछ ऐसे भी, बातें करने वाले हैं (हिंदी गजल)
_________________________
1)
नैतिकता की कुछ ऐसे भी, बातें करने वाले हैं
उजले-उजले कपड़े पहने, लेकिन दिल के काले हैं
2)
हद से ज्यादा अच्छे भी हैं, हद से ज्यादा लोग बुरे
रोज रात भी दीख रही है, दिखते रोज उजाले हैं
3)
सच वह कैसे बोल सकेंगे, जिनके भीतर लोभ बसा
देखो उनके मुॅंह के ऊपर, जड़े सैकड़ों ताले हैं
4)
सीधे-सच्चे कामों में भी, सौ-सौ पापड़ बिलते हैं
अपने भीतर बिच्छू हमने, इसीलिए कुछ पाले हैं
5)
दो दुनिया हैं इस दुनिया में, शोषक-शोषित लोगों की
कुछ मछली-से तैर रहे हैं, तो कुछ कॉंटे डाले हैं
________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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