नेता की पेंशन
साठ साल तक खोद खोद कर , देश खोखला कर डाला ।
हर नेता ने देश को बेचा , और अपना घर भर डाला ॥
टाटा बिरला या अम्बानी , ललित माल्या हो या अदानी ।
क्या इन सबको इस सरकार ने , खरबों पति बना डाला ॥
मन मर्ज़ी से देश चलाया , जनता को भी खूब रूलाया ।
वो किस हक़ से पूछ रहे है , कैसे नोट बन्द कर डाला ॥
पचीस साल जो करे नौकरी , उसकी पेंशन बंद करा दी ।
पाँच साल जो रहे संसद में , बन जाये वो पेंशन वाला ॥
देश के हित में सोच रहा है , हर बुराई से लड़ जो रहा है ।
कितने भी इल्जाम लगा लो वो तो नहीँ है रुकने वाला ॥
विजय बिज़नोरी