“नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे”
“नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे”
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‘आजादहिंद’ के, तुम हो प्रणेता जी;
कहते सारा जग, तुम्हें ही #नेताजी’।
गुलाम ‘भारत’ के तुम ही थे , आस;
जन-जन तुझको चाहे, हे! #सुभाष’।
तुम ही तब थे, जग के आंख के तारे;
तेज रवितुल्य थी,आभा जैसे #चन्द्र’।
आज भी करे पूरा हिंद, तेरा उदघोष;
तुम ही हो,हिंदुस्तान के प्यारे #बोस।
आजीवन गोरों के, छक्के छुड़ाते रहे;
भारत के वीर सपूत,सदा #अमर रहे।
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स्वरचित सह मौलिक;
……✍️पंकज ‘कर्ण’
……………कटिहार।
तिथि: २३/०१/२०२२