नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
एक दूसरे पर कीचड़,चल रही चुनावी फाग
चल रही चुनावी फाग, बौछार गालियों की
सड़ी सड़ाई बातें,वह रहीं भरी नालियों सी
बदबू से है नाक बंद, खूब चल रही जालियों की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी