निराला महबूब
वो जब नज़रों से पिलाते है,तो हर मयकदा को मात देते है
वो जब जुल्फों को सूखाते है, तो हर घटा को मात देते है
वो शर्मा के नज़रों को झुकाले तो ठीक है फिर भी मगर
नज़रों को झुका कर उठाते है तो हर अदा को मात देते है
प्रज्ञा गोयल ©®
वो जब नज़रों से पिलाते है,तो हर मयकदा को मात देते है
वो जब जुल्फों को सूखाते है, तो हर घटा को मात देते है
वो शर्मा के नज़रों को झुकाले तो ठीक है फिर भी मगर
नज़रों को झुका कर उठाते है तो हर अदा को मात देते है
प्रज्ञा गोयल ©®