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14 Nov 2017 · 1 min read

नियति का खेल

नदी की बहती धारा
नही उसका किनारा।1।

चाँद से रोशन चाँदनी
पूनम रात का सहारा।2।

फूल में बैठे हुए भँवरे
रस ले फूल का सारा।3।

गर करुणामयी हो जीवन
ना करो जीवन से किनारा।4।

सुख दुख,दिन रात सब होते हैं
ये सब नियति का खेल हैं सारा।5।

®आकिब जावेद

Language: Hindi
798 Views
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