Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

नित जीवन के संघर्षों से

नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अंतर्मन
नाकामियों की जंजीर तोड़
तब उम्मीद लाया नई किरन।

मन की विश्रांति को ढूंढने
प्रेम ने किया मधुर गूँजन
अपनों के सहयोग ने फिर
आसान की हर मुश्किल को।

– सुमन मीना (अदिति)

1 Like · 51 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
Rj Anand Prajapati
गुज़र गयी है जिंदगी की जो मुश्किल घड़ियां।।
गुज़र गयी है जिंदगी की जो मुश्किल घड़ियां।।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
लेकिन, प्यार जहां में पा लिया मैंने
लेकिन, प्यार जहां में पा लिया मैंने
gurudeenverma198
हां मैं दोगला...!
हां मैं दोगला...!
भवेश
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
Anil chobisa
Forgive everyone 🙂
Forgive everyone 🙂
Vandana maurya
*_......यादे......_*
*_......यादे......_*
Naushaba Suriya
वाणी
वाणी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
Taj Mohammad
प्रकृति का विनाश
प्रकृति का विनाश
Sushil chauhan
* हाथ मलने लगा *
* हाथ मलने लगा *
surenderpal vaidya
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
Ajay Kumar Vimal
!............!
!............!
शेखर सिंह
Lines of day
Lines of day
Sampada
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
कोई चाहे कितने भी,
कोई चाहे कितने भी,
नेताम आर सी
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
"लोकगीत" (छाई देसवा पे महंगाई ऐसी समया आई राम)
Slok maurya "umang"
सतरंगी इंद्रधनुष
सतरंगी इंद्रधनुष
Neeraj Agarwal
सत्यबोध
सत्यबोध
Bodhisatva kastooriya
"ऐसा है अपना रिश्ता "
Yogendra Chaturwedi
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
■ लघुकथा
■ लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
बहुतेरा है
बहुतेरा है
Dr. Meenakshi Sharma
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
Loading...