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8 May 2017 · 1 min read

निगाहों में बसता जा रहा है

निगाहों में वो —–बसता जा रहा है
अभी से दिल निकलता जा रहा है
. ??
सुकूं से जिंदगी —— थी ये हमारी
मगर अब चैन ——-सारा जा रहा है
??
सदा हो रोशनी——- हो उन घरों में
जहां पर ये अंधेरा ———–जा रहा है
??
छुअन से उसके ——-यारों जिस्म मेरा
गुलों सा ये ————महकता जा रहा है
??
लगाई आग कैसी ————-दिल में तुमने
बदन भी अब——— सुलगता जा रहा है
??
मिलेगी छांव ————-सबको ही बराबर
शज़र वो अब ————-लगाया जा रहा है
??
सुहानी शब न —————-बीते पास आओ
क़दम तो आज ————–बहका जा रहा है
??
मिटाने तीरगी –. ————-को अब जहां से
किसी घर का ————–उजाला जा रहा है
??
हवा अब किस ————–तरह से शुद्ध होगी
किया जब हमसे ————- गंदा जा रहा है
??
समझते तुम हो ————जिसको एक दुल्हन
उसी के साथ ————– कुनबा जा रहा है
. ??
उगेंगे फूल सहरा —–पत्थरों पे
अगर मन में ये ठाना जा रहा है
??
अगरचे रूठते हो रूठ जाओ
के हमसे यूं मनाना जा रहा है
??
न रोकूं तुमको —कैसे ये बताओ
हमारा आज —-हिस्सा जा रहा है
??
गुजारीं हमने — सदियां जुस्तजू में
वो मेरे दिल का — प्यारा जा रहा है
??
छुपाओ राज हमसे अब न “प्रीतम”
के पर्दा अब ——-हटाया जा रहा है
??

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