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30 Aug 2021 · 1 min read

ना नर में

ना नर में राम रहा ना नारी में सीता
पढ़ेगा कौन रामायण और कौन पढ़ेगा गीता
ना……..

बन के रह गये हम पाप के पूजारी
तो सभ्यता छुरे कैसे दुआरी
पताका जो लहराता हमारे धर्म का
मुह नहीं देखना होता शर्म का
झूठ के बिना कौन यहां जंग जीता

पढ़ेगा……….
ना नर……….

Language: Hindi
473 Views
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