Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2018 · 1 min read

ना जाने कब वो तूफान आयेगा

जो हर घर को करे रोशन, ना जाने कब वो बिहान आयेगा।
हर शख्स पास करे जिसको, ना जाने कब वो इम्तिहान आयेगा।
यहाँ अपनों को भी लूटनें में लगें हैं सभी,
जो गैरों का भी घर भर दे, ना जाने कब वो ईमान आयेगा।
बिखेरें हैं आँधियों ने आशियाने गरीबों के,
जो बिछड़ों को मिला दे, ना जाने कब वो तूफान आयेगा।।

ऐ रहनुमाओं बहुत हुआ झूठ अब बस भी करो,
वरना धरती पर एक दिन आसमान आयेगा।
पाप करते हो तो बेझिझक करो,
मगर ये ध्यान रहे, एक दिन तुम्हारा भी अंज़ाम आयेगा।।

4 Likes · 330 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
* तेरी सौग़ात*
* तेरी सौग़ात*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
राम-वन्दना
राम-वन्दना
विजय कुमार नामदेव
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
मेरी बेटी
मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
"गरीबों की दिवाली"
Yogendra Chaturwedi
उदारता
उदारता
RAKESH RAKESH
विश्वास🙏
विश्वास🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
ढूंढ रहा है अध्यापक अपना वो अस्तित्व आजकल
कृष्ण मलिक अम्बाला
■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
*Author प्रणय प्रभात*
आंखों देखा सच
आंखों देखा सच
Shekhar Chandra Mitra
💐अज्ञात के प्रति-131💐
💐अज्ञात के प्रति-131💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
मुस्कुराते रहे
मुस्कुराते रहे
Dr. Sunita Singh
"जी लो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
इंसान जिन्हें
इंसान जिन्हें
Dr fauzia Naseem shad
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
Loading...