Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

नास्तिक सदा ही रहना…

नास्तिक सदा ही रहना…
~~°~~°~~°
मन से अहं निकाल लो,फिर नास्तिक सदा ही रहना…
खुद को यदि तुम जान लो,फिर धर्मविमुख ही रहना।
माता-पिता गुरु हरि रूप है,उन्हें श्रद्धा के पुष्प चढ़ाओ ,
करुणा के भाव जगा लो,फिर नास्तिक सदा ही रहना…

बहस और विवाद से, मिलते कहाँ प्रभु हैं ,
हर जुर्म का हिसाब तो,करते यहाँ प्रभु हैं।
नफरतों के जहर को, तुम प्रेम से मिटा दो ,
इस सत्य को स्वीकार लो,फिर नास्तिक सदा ही रहना…

हलाल हो या झटका,बिलखते तो पशु बेजुबां हैं,
कैसे मिलोगे खुदा से,तड़पते जो तन बे-इंतिहा हैं।
ढाई अक्षर जो प्रेम का,सिखलाता है धर्म मानवता ,
इसी राह पर चलो ना, फिर नास्तिक सदा ही रहना…

आडम्बरों से किसी ने, यहाँ पाया नहीं है ईश्वर ,
गंगा में तुम नहाओ या जमजम का जल लगाओ ।
भक्तवत्सल की छवि तो,बस तेरे अंतस में छिपा है,
अंतस को बस निहार लो,फिर नास्तिक सदा ही रहना…

मौलिक एवं स्वरचित
मनोज कुमार कर्ण

1 Like · 132 Views
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई ..
मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई ..
Priya Maithil
व्यस्त रहते हो
व्यस्त रहते हो
पूर्वार्थ
" दाग "
Dr. Kishan tandon kranti
छठ पूजा
छठ पूजा
Satish Srijan
4457.*पूर्णिका*
4457.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक ख्वाब थे तुम,
एक ख्वाब थे तुम,
लक्ष्मी सिंह
एक अनु उतरित प्रश्न
एक अनु उतरित प्रश्न
पं अंजू पांडेय अश्रु
नाकाम मुहब्बत
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
ऐसा एक भारत बनाएं
ऐसा एक भारत बनाएं
नेताम आर सी
राधा
राधा
Rambali Mishra
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
*आई भादों अष्टमी, कृष्ण पक्ष की रात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
सात जनम की गाँठ का,
सात जनम की गाँठ का,
sushil sarna
#मेरे नयनों के उजियारे
#मेरे नयनों के उजियारे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
इश्क़ रूहानी
इश्क़ रूहानी
हिमांशु Kulshrestha
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
जातियों में बँटा हुआ देश
जातियों में बँटा हुआ देश
SURYA PRAKASH SHARMA
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Minal Aggarwal
- लोग दिखावे में मर रहे -
- लोग दिखावे में मर रहे -
bharat gehlot
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
Shreedhar
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
Shweta Soni
शायद वो सारे हसीन लम्हे अब कहीं खो से गए...
शायद वो सारे हसीन लम्हे अब कहीं खो से गए...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...