नारी
नारी शराब की बोतल नहीं है जिसे
पीकर फेंक दिया जाय
नारी मदारी की बंदरिया नहीं है
जिसे जब चाहे जहां नचाया जाय
नारी पुरुष की गुलाम नहीं है
जिसे दासी की तरह रखा जाय
नारी इतनी आज्ञाकारी भी नहीं है
जिसे पवित्र होंने के बावजूद अग्नि परीक्षा देना पड़े
नारी व्यापार की वस्तु नहीं है
जिसे बाजार में बेचा जाय
नारी इतनी असहाय नहीं है
जिसका चीर हरण किया जाय
नारी वह शक्ति है जिसके बिना
शिव भी शव के समान है
नारी वह राधा है जिसका नाम
कृष्ण से पहले लिया जाता है
नारी वह सीता है जिनके बिना
राम अधूरे हैं
नारी वह दुर्गा है जो सृष्टि की
रचना, पालन और संहार करती है
नारी युगल चरण है जिनका
दुनिया पूजन करती है