Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2017 · 1 min read

नारी शक्ति

..”नारी शक्ति”..

ईश्वर ने भी इस नारी का सदा किया सम्मान
धन की देवी लक्ष्मी शक्ति दुर्गा की पहचान

हर परीवार का अनमोल गहना है नारी शक्ति
हर घर को स्वर्ग बनाए करके अब हरी भक्ति

बलिदान जिनकी भावना है उनको नारी कहते
नारी शक्ति का सम्मान स्वयं ईश्वर भी करते

अजन्मे बालकों का पालन अपने पेठ में करती
अपने ममता तले हर बच्चों का ब्रह्ममंड रचाती

नौ महीने तक हर कष्ट उठाकर सहेती है नारी
कभी बेटी तो कभी पत्नी और कभी माँ है नारी

श्रुष्ठी की जीवित देवी ‘माँ’ हर नारी कहलाती
लाल ख़ून परिवर्तित कर सफ़ेद दूध है पिलाती

शरीर का पोषण कर के बच्चों को बड़ा बनती
मर्दोको बनाने से मर्द बनाने तक रिश्ता निभाती

माँ रूपी नारी शक्ति को “राज” प्रणाम करता
‘अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर बधाई मैं देता

✍️ राज मालपाणी
शोरापुर – कर्नाटक
8792143143

Language: Hindi
517 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
हजारों मील चल करके मैं अपना घर पाया।
हजारों मील चल करके मैं अपना घर पाया।
Sanjay ' शून्य'
2637.पूर्णिका
2637.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
रिश्ते प्यार के
रिश्ते प्यार के
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
हत्या
हत्या
Kshma Urmila
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Dr अरुण कुमार शास्त्री
Dr अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिन्दगी की पाठशाला
जिन्दगी की पाठशाला
Ashokatv
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
आरुष का गिटार
आरुष का गिटार
shivanshi2011
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
■ आज का आखिरी शेर।
■ आज का आखिरी शेर।
*Author प्रणय प्रभात*
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
बुझलहूँ आहाँ महान छी मुदा, रंगमंच पर फेसबुक मित्र छी!
DrLakshman Jha Parimal
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
करुणामयि हृदय तुम्हारा।
करुणामयि हृदय तुम्हारा।
Buddha Prakash
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
Naushaba Suriya
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तो अब यह सोचा है मैंने
तो अब यह सोचा है मैंने
gurudeenverma198
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
मनोज कर्ण
"हठी"
Dr. Kishan tandon kranti
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
Loading...