नारी पर क ई लेख लिखे जाते है।
क ई कविताएं क ई लेख अबला नारी के लिए लिखे जाते है
पढ़ते पढ़ते तो वो मन को बहुत भाते है
क्या कभी किसी तरक पर पहुंचे हम
क्या किसी बदलाव में हम ने भरा है दम
दुख और स्नेह तो हम कविता में बडा ही जताते है
नारी पर क ई लेख लिखे जाते है
वही बेचारी अबला नारी
इन शब्दों में कविता सारी
क्या वही सारी बातें मै कविता में दोहराऊं
नारी बेचारी कैसे है फिर आप को समझाऊं
मंच और कवि सम्मेलनों मे हम नारी पर बड़ा ही बतियाते है
नारी पर क ई लेख लिखे ज़ाते है।
क्या फिर कोई राजा राम मोहन आएगा
भारतीयं नारी को इन तरासदियो से बचाएगा
बलात्कार,दहेज़ ,घरेलू हिंसा क्या ये सब विषय आप के दिल को नहीं सताते है
नारी पर क ई लेख लिखे ज़ाते है
थोड़ा चितंन और मनन करो
नैतिक मूल्यों का ना हनन करो
क्या बदलाव करना है हम को ही सोचना है
हमें ही विचार कर के किसी तरक पर पहुंचना है
इस बारे में बदलाव लाने में हम क्यों घबराते है
नारी पर क ई लेख लिखे जाते है
पढ़ते पढ़ते तो वो बहुत मन को भाते है।
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