नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला, तुम शक्ति प्रदायिनी
तुम ही काली तुम कपालिनी ……………..नारी तू नारायणी
गोद तुम्हारी वात्सल्य झूले, ममता तुम्हारे आंचल फूले
तुमसे स्नेह पराग स्पंदन, सकल संगीत में तेरा वंदन
तुम ही धीर और धैर्य धारिणी ……………………………
प्रेम और पूजा तुमसे शोभित, तुम आराधना ईश हो कल्पित
तुमसे प्रणय का हो गुंजन, तुम नवजीवन का अभिनंदन
तुम शैलपुत्री तुम ब्रह्मचारणी ……………………………
नहीं मात्र अश्रु की तुम भाषा, तुम संवेदना की परिभाषा
तुम पायल संग किलकारी, भ्रात कलाई तुम महतारी
तुम ही चंडी कात्यायनी ……………………………
गर्भ तुम्हारा सृष्टि का सृजन, तुमसे आंगन महका जीवन
पुरुष प्रकृति से ही पूर्ण होता, शिव शक्ति सम्पूर्ण गाथा
तुम ही वीणा वादिनी ……………………………
भद्रकाली हो तुम चामुण्डा, क्षमा दया आद्या कुष्मांडा
तुम चंद्रघंटा हो स्कंदमाता, शक्मभरी तुम वैष्णव माता
विघ्न विनाशक संहारिणी……………………………
दुर्गा भाभी लक्ष्मीबाई, जयंता अवंती अहिल्याबाई
तुमसे जन्मे राणा शिवाजी, तुमसे ही गाथा अशोक की
हे शत्रु शोक विनाशिनी……………………………
नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी ,नहीं अबला तुम शक्ति सप्तशती
तुम ही काली तुम कपालिनी ……………..नारी तू नारायणी
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