“नायक”
“नायक”
मेहनत से उपजते हैं
पसीने में पलते हैं
जमाने में धक्के खाकर
जहर के घूँट पीते हैं
सारे दर्द सह कर
जो हर हाल में जीते हैं
अपनी हिम्मत और जज्बे से
दुनिया को नया संदेश देते हैं।
“नायक”
मेहनत से उपजते हैं
पसीने में पलते हैं
जमाने में धक्के खाकर
जहर के घूँट पीते हैं
सारे दर्द सह कर
जो हर हाल में जीते हैं
अपनी हिम्मत और जज्बे से
दुनिया को नया संदेश देते हैं।