नायक
अन्याय अत्याचार विरुद्ध, जो आवाज उठाता है
शोषण से मुक्ति के लिए,जो शोषक से टकराता है
अस्मिता जन जन की बचाने,अपना सर्वस्व लुटाता है
जीवन के हर एक क्षेत्र को, उच्च शिखर पर पहुंचाता है
ऐसे महान पुरुष के पीछे,सारा जनमन हो जाता है
ऐसा महापुरुष दुनिया में, असली नायक कहलाता है
जीवन के हर क्षेत्र में नायक, कर्म से पहचाना जाता है
आदिकाल से अबतक, दुनिया नायकों से भरी पड़ी है
उनके आदर्श और काम ने, उनकी छवि गढ़ी है
बड़े बड़े काम किए नायकों ने, दुनिया को महकाया है
नायकों ने ही सारे संसार को, रहने लायक बनाया है
ज्ञान विज्ञान शिक्षा राजनीति, शक्ति के जन नायक हैं
साहित्य कला संगीत संस्कृति,नायक ही परिचायक हैं
नमन है नायकों को, नायक सदा नमन के लायक हैं
आदिकाल से आज तक के सभी क्षेत्रों के नायकों को कोटि कोटि प्रणाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी