*नानी के आशीष*
नानी के आशीष
चांद तारों सी चमको,
सूरज सी दमको तुम।
गुलाब सी खिलकर,
चंदन सी महको तुम।
अपनी मृदुल स्मित से,
हर मन मोह लो तुम।
कर्मों की दिव्य आभा से,
हीरे सी जगमगाओ तुम।
विद्या का शस्त्र लेकर,
जग में परचम लहराओ तुम।
आशीषों की थाती लेकर,
आकाशगंगा को छू लो तुम।।
आभा पाण्डेय