“नसीब के पन्नों में”
“नसीब के पन्नों में”
गम के अहसास को ग़ज़ल का सुखन दो,
खुशियों का ठिकाना पूछते क्यों हो।
फूल को खुशबू सितारों को नभ मिले,
नसीब के पन्नों में उलझते क्यों हो।
“नसीब के पन्नों में”
गम के अहसास को ग़ज़ल का सुखन दो,
खुशियों का ठिकाना पूछते क्यों हो।
फूल को खुशबू सितारों को नभ मिले,
नसीब के पन्नों में उलझते क्यों हो।