Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2018 · 2 min read

नशा सेहत के लिए हानिकारक है।

नशा सेहत के लिए हानिकारक है।
******************************
मोहल्ले में जैसे आज विराने का साम्राज्य था, मुख्तार कल दोपहर से घर नहीं आया था और आज सुबह-सुबह खबर आई की उसका एक्सीडेंट हो गया और वो सदा सदा के लिए इस दुनिया को छोड़ गया।….. यह खबर हवाँ के तेज झोंके की तरह पुरे मोहल्ले को झकझोर गया।

मुख्तार अपने परिवार में एकलौता कमाने वाला मर्द था जिसके भरोसे उसका समुचा परिवार जिसमें दो बहनें, बुढे माँ बाप एक बीवी और तीन छोटे छोटे बच्चे थे। मुख्तार रिक्सा चलाकर अपने परिवार का पेट पालता था। एक गरीब परिवार में जन्म लेने के कारण मुख्तार पढ न सका बचपन से ही वह कमाने धमाने में लगा रहा उसके पिता जिन्हें वो अब्बू जान कह के संबोधित करता था शब्बीर मियां मदिरा सेवन के कारण जो कमाते वह खुद में ही लुटा देते घर खर्च के लिए मजबूरन मुख्तार को कमाना पड़ता, घर खर्च जुटाने के चक्कर में मुख्तार कब जवान हो गया उसे पता भी नहीं चला।

बाप के नशे की लत ने एक बेटे से उसका बचपन छीन लिया, रही सही कसर कम उम्र में हुए निकाह ने पूरी कर दी शादी के चार पांच वर्ष बीतते बीतते तीन बच्चे भी हो गये। बाप के नशे की लत ने कब मुख्तार को अपने आगोश में ले लिया पता ही नहीं चला । अब वह भी प्रति दिन मदिरापान करने लगा , कल भी वह नशे की हालत मे रिक्शा चला रहा था अचान बैलेंस बीगड़ जाने के कारण एक ट्रक के चपेट में आकर अपनी इहलीला समाप्त कर बैठा।
दोस्तो किसी भी तरह का नशा सेवन केवल अपने ही लिए नहीं वरन बाल बच्चों के लिए, अपने परिवार के लिए, समुचे समाज के लिए हानिकारक है।
अतः खुद को शब्बीर मियां और अपने बच्चे को मुख्तार बनने से बचायें।
नशा सेहत, परिवार, समाज, एक विकासोन्मुख राष्ट्र के लिए हानिकारक है।
————–
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
नरकटियागंज
प.चम्पारण (बिहार)
……….
मैं कोई मझा हुआ लेखक या साहित्यकार नहीं अतः त्रुटियों को नजरअंदाज ना करते हुए हमारा मार्गदर्शन करें।
धन्यवाद

Language: Hindi
1 Like · 1095 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

प्रण साधना
प्रण साधना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
Rj Anand Prajapati
4453.*पूर्णिका*
4453.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
Ajit Kumar "Karn"
........?
........?
शेखर सिंह
नजर नहीं आता
नजर नहीं आता
Mahender Singh
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
Jyoti Khari
*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
*अपने भारत देश को, बॉंट रहे हैं लोग (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
Lesson we gain from The Ramayana
Lesson we gain from The Ramayana
Harekrishna Sahu
प्रत्यक्ष खड़ा वो कौन था
प्रत्यक्ष खड़ा वो कौन था
Chitra Bisht
टूटता तारा
टूटता तारा
C S Santoshi
- तुझमें रब दिखता है -
- तुझमें रब दिखता है -
bharat gehlot
बिसरे पन्ने और हम
बिसरे पन्ने और हम
Padmaja Raghav Science
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
हमको भी अपनी मनमानी करने दो
हमको भी अपनी मनमानी करने दो
Dr Archana Gupta
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
Ranjeet kumar patre
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
GM
GM
*प्रणय*
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
Neelofar Khan
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
Sahil Ahmad
Dear Moon.......
Dear Moon.......
R. H. SRIDEVI
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
गुमनाम 'बाबा'
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
तृषा हुई बैरागिनी,
तृषा हुई बैरागिनी,
sushil sarna
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
Loading...