नशा सेहत के लिए हानिकारक है।
नशा सेहत के लिए हानिकारक है।
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मोहल्ले में जैसे आज विराने का साम्राज्य था, मुख्तार कल दोपहर से घर नहीं आया था और आज सुबह-सुबह खबर आई की उसका एक्सीडेंट हो गया और वो सदा सदा के लिए इस दुनिया को छोड़ गया।….. यह खबर हवाँ के तेज झोंके की तरह पुरे मोहल्ले को झकझोर गया।
मुख्तार अपने परिवार में एकलौता कमाने वाला मर्द था जिसके भरोसे उसका समुचा परिवार जिसमें दो बहनें, बुढे माँ बाप एक बीवी और तीन छोटे छोटे बच्चे थे। मुख्तार रिक्सा चलाकर अपने परिवार का पेट पालता था। एक गरीब परिवार में जन्म लेने के कारण मुख्तार पढ न सका बचपन से ही वह कमाने धमाने में लगा रहा उसके पिता जिन्हें वो अब्बू जान कह के संबोधित करता था शब्बीर मियां मदिरा सेवन के कारण जो कमाते वह खुद में ही लुटा देते घर खर्च के लिए मजबूरन मुख्तार को कमाना पड़ता, घर खर्च जुटाने के चक्कर में मुख्तार कब जवान हो गया उसे पता भी नहीं चला।
बाप के नशे की लत ने एक बेटे से उसका बचपन छीन लिया, रही सही कसर कम उम्र में हुए निकाह ने पूरी कर दी शादी के चार पांच वर्ष बीतते बीतते तीन बच्चे भी हो गये। बाप के नशे की लत ने कब मुख्तार को अपने आगोश में ले लिया पता ही नहीं चला । अब वह भी प्रति दिन मदिरापान करने लगा , कल भी वह नशे की हालत मे रिक्शा चला रहा था अचान बैलेंस बीगड़ जाने के कारण एक ट्रक के चपेट में आकर अपनी इहलीला समाप्त कर बैठा।
दोस्तो किसी भी तरह का नशा सेवन केवल अपने ही लिए नहीं वरन बाल बच्चों के लिए, अपने परिवार के लिए, समुचे समाज के लिए हानिकारक है।
अतः खुद को शब्बीर मियां और अपने बच्चे को मुख्तार बनने से बचायें।
नशा सेहत, परिवार, समाज, एक विकासोन्मुख राष्ट्र के लिए हानिकारक है।
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©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
नरकटियागंज
प.चम्पारण (बिहार)
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धन्यवाद