कारगिल युद्ध के समय की कविता
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
- दुनिया बहुत खूबसूरत है -
*भाई और बहन का नाता, दुनिया में मधुर अनूठा है (राधेश्यामी छं
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
बेवजह किसी पे मरता कौन है
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,