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9 May 2024 · 1 min read

नर तन में जतन

नर तन पाया जतन कर ले बंदे
वरना पड़ेगा पछताना
चार दिनों का मेहमान है जग में
फिर वापस घर को जाना
इस दुनिया में आया है तो
कर ले अच्छे काम
कर्म साथ में जाएगा तेरे
ओम् लेगी दुनिया तेरा नाम

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
83 Views
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
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