नर तन में जतन
नर तन पाया जतन कर ले बंदे
वरना पड़ेगा पछताना
चार दिनों का मेहमान है जग में
फिर वापस घर को जाना
इस दुनिया में आया है तो
कर ले अच्छे काम
कर्म साथ में जाएगा तेरे
ओम् लेगी दुनिया तेरा नाम
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश
नर तन पाया जतन कर ले बंदे
वरना पड़ेगा पछताना
चार दिनों का मेहमान है जग में
फिर वापस घर को जाना
इस दुनिया में आया है तो
कर ले अच्छे काम
कर्म साथ में जाएगा तेरे
ओम् लेगी दुनिया तेरा नाम
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश