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5 Jan 2024 · 1 min read

नया

शीर्षक – नया
**************
आज नया कल हम सबने जाना हैं ।
जीवन का सच बस यही जमाना हैं।
रचना और शब्दों का साथ नया हैं।
हां जमीन पुरानी हमारी होती हैं।
नया सवेरा नयी चमक की होती हैं।
तेरा मेरा रिश्ता शब्दों का सच रहता हैं।
नया नौ दिन पुराना सौ दिन चमकता हैं।
शिक्षा से हम सभी को सहयोग होता हैं।
नया नया साल नववर्ष भी अभी आया हैं।
आओ मिलकर हम सभी रचना लिखते हैं।
कुछ नया कुछ पुराना हम सभी रहता हैं।
सच कहें न नया न पुराना मन भाव होता हैं।
नया दिन नई रचना आप का सहयोग मिलता हैं।
***********************
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
167 Views
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