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6 Nov 2023 · 1 min read

नया सवेरा

माना अभी अंधेरा है
माना तम से जूझ रहा हूं
एक दिन नया सवेरा लाना है
दुनिया को मार्ग दिखलाना है

रण में अंत तक बने रहना ही
मनुष्य को सफल बनाता है
मंजिल तक पहुंचाता है
एक दिन नया सवेरा लाना है
दुनिया को मार्ग दिखलाना है

माना भीड़ का हिस्सा हूं
भीड़ से अलग निकलना है
तप तपस्या करनी है
मंजिल तक जानी है

माना सपने बड़े हैं
बड़ी – बड़ी ख्वाहिशें हैं
पता है संघर्ष हमारा दुर्गम है

मैं भी हूं जिद्दी योद्धा
अपनी मुकद्दर बदल कर
अपनी तकदीर लिखता हूं
एक दिन नया सवेरा लाना है
दुनिया को मार्ग दिखलाना है

रचनाकार:- अमरेश कुमार वर्मा

Language: Hindi
322 Views
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