नया दर्द , इलाज पुराने दर्द का
नए दर्द से ही पुरना दर्द कुछ कम होगा
चारागर की दवा से भी अब क्या होगा
खुद बेचकर उसूल बना जो मुंसिफ है
मेरा फैसला इससे क्या मुंतख़ब होगा
बसा दो तुम्हीं कुछ इंसान इस बस्ती में
घूम चुका दुनियां और न अब सफर होगा
नए आफताब की गुजारिश अब कौन करे
बहुत गुज़री चुकी यहीं शाम और सहर होगा
बह जाएगी हर याद वक़्त के दरिया में
तेरे जाने के बाद, कौन सा जश्न मुल्तवी होगा
डा. राजीव जैन सागर
सागर , मध्य प्रदेश