Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2018 · 1 min read

नफ़रत के ज़ुल्मतों को मिटा देनी चाहिए

1-
अम्नो अमां की शममा जला देनी चाहिए
नफ़रत के ज़ुल्मतों को मिटा देनी चाहिए
2-
आती हो दोस्तों जो मुहब्बत के दरमियाँ
दीवार हमको ऐसी गिरा देनी चाहिए
3-
जब काम बन सके न दवाओं से ऐ मियां
फिर हाथ दुआओं में उठा देनी चाहिए

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती(उ०प्र०)

155 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज़ादी का जश्न
आज़ादी का जश्न
Shekhar Chandra Mitra
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
मन में रख विश्वास,
मन में रख विश्वास,
Anant Yadav
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
बीजारोपण
बीजारोपण
आर एस आघात
राजस्थान में का बा
राजस्थान में का बा
gurudeenverma198
वे वजह हम ने तमीज सीखी .
वे वजह हम ने तमीज सीखी .
Sandeep Mishra
हवन - दीपक नीलपदम्
हवन - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चीरहरण
चीरहरण
Acharya Rama Nand Mandal
चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
Anand.sharma
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
*** लहरों के संग....! ***
*** लहरों के संग....! ***
VEDANTA PATEL
उनसे  बिछड़ कर
उनसे बिछड़ कर
श्याम सिंह बिष्ट
*अर्पण प्रभु को हो गई, मीरा भक्ति प्रधान ( कुंडलिया )*
*अर्पण प्रभु को हो गई, मीरा भक्ति प्रधान ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
3308.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3308.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
Kumar lalit
बांदरो
बांदरो
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
Slok maurya "umang"
घर नही है गांव में
घर नही है गांव में
Priya Maithil
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
𝕾...✍🏻
𝕾...✍🏻
पूर्वार्थ
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
■ सार संक्षेप...
■ सार संक्षेप...
*Author प्रणय प्रभात*
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
Loading...