नटखट नंदलाल
शीर्षक:नटखट नंदलाल
दरस दो हे मेरे नटखट नंदलाल..
घायल कर जाओ नैनो के तीर से
आओ दरस दो मैं प्यासी दीदार को तेरे
इन्तजार कान्हा तेरा आठो पहर मुझे
घायल कर जाओ बांसुरी की धुन से
दरस दो हे मेरे नटखट नंदलाल…
मैं व्याकुल तेरी सांवली सलोनी सूरत के दीदार को
आके दिखा जा अपना अप्रितम रूप मुझे
तेरी मोहनी मूरत दिल में बसी हैं मेरे
दरस दिखा जा मुझ बावरी को एक बार
दरस दो हे मेरे नटखट नंदलाल…
माखन खाने आओ मेरी मटकी से एक बार
पनघट पर मिलो तो बस एक बार
आओ मधुबन में रास रचने एक बार
तुझसे ही हर जन्म करूँ प्यार मैं बार बार
दरस दो हे नटखट नंदलाल…
मैं बावरी सी भटकूँ तेरे दरस को प्यारे
आकर अपनी प्यारी को नेह दे जाओ
याद जाती नही एक पल भी
क्यो मुझे यूँ तड़फा रहे हो प्यारे
दरस दो हे नयखत नंदलाल…
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद