नज़्म तुम बिन कोई कही ही नहीं।
बस यूं ही 🤗
बज़्म तुम बिन कोई हुई ही नहीं।
नज़्म तुम बिन कोई कही ही नहीं।
मुझसे होकर गुज़र गया द़रिया
मैं मगर राह से हटी ही नहीं।
बाद मुद्दत के हो नज़र आये
जाओ तुमसे मैं बोलती ही नहीं।
मुझ सी ज़िद्दी है सुन तेरी यादें
लाख भेजा मगर गई ही नहीं।
क्यों हो मशरूफ मर्ज़ में नीलम
दर्द ए दिल की दवा बनी ही नहीं।
नीलम शर्मा ✍️