नजरंदाज करने की ख्वाहिश
इस तरह इक मुलाकात की ख्वाहिश है उससे
वो आ रहा हो उधर से, मैं गुजरूं इस तरफ से
ना रुकूं उसके लिए, ना कोई दुआ सलाम करूं
बस उसे देखूं इक दफा और नजरंदाज करूं…
इस तरह इक मुलाकात की ख्वाहिश है उससे
वो आ रहा हो उधर से, मैं गुजरूं इस तरफ से
ना रुकूं उसके लिए, ना कोई दुआ सलाम करूं
बस उसे देखूं इक दफा और नजरंदाज करूं…