नए प्यार की नयी कहानी (गर्भवति पत्नि के लिये)
मुझको तुम देखो जी भर के, नैन मेरे ये चाह करेंगे….
लेकिन नैन तुम्हारे सजनी, किसी और की वाह करेंगे….
मेरे गीतों पर झूम रही हो, हो जाएगी बात पुरानी….
तुम उसके संग रोज लिखोगी, नए प्यार की नयी कहानी….
भुला के मेरी फ़िक्र हमेशा, उसका ही बस ख्याल करोगी….
सोचो कैसे सह पाऊँगा, तुम मेरा जो हाल करोगी….
मैं नहीं तुम्हे जो दे सकता, वो दे देगा सारी खुशियाँ….
हर शाम तुम्हारे जीवन में, रौशन होंगी फुलझड़ियाँ ….
कठोर हृदय में अपने तुम, महसूस करोगी नरमाई ….
मुझे छोड़कर साथ रहोगी, बन कर उसकी परछाई……
छाप तुम्हारे होठों की, पड़ेगी उसके गालों पर…
उंगलियां तुम्हारी प्यारी सी, थिरकेंगी उसके बालों पर…
जिस गोदी में अक्सर मैं, सोता हूँ रख कर सर अपना….
उस गोदी को समझेगा वो, बड़े ठाट से घर अपना….
मैं बेबस लाचार बेचारा, पड़ा रहूँगा कोने में……
करता होगा वो अठखेली, तुम्हारे साथ बिछौने में.…
मेरी आँखों से आँसू, छलके तो कोई बात नहीं….
पर उसका रोना कर पाओगी, हरगिज तुम बर्दाश्त नहीं….
मेरे सामने तुम्हे छेड़ कर, मुझसे वो आँख मिलायेगा….
छोड़ जाऊँगा मैं तुमको, लेकिन वो साथ निभाएगा….
क्या होगा क्या होने वाला, सोच सोच दिल डरता है…
तुमको लेकर दूर चलूँ, कभी कभी मन करता है…
लेकिन फिर सोचूँ वो कोई, मेरा भी तो अपना होगा….
हमने जो मिल कर देखा है, हम दोनों का सपना होगा….
हम दोनों का प्यारा वो, दोनों का राजदुलारा वो…
हम दोनों की वो परछाई, जीने का एक सहारा वो…
काश तुम्हारे लाल बाल पर, हो जाऊँ मैं बलिहारी….
जब गूँजेगी आँगन में, उसकी मीठी सी किलकारी….
महक उठेगा खुशियों से, संसार हमारा भर जाएगा….
दुनिया भर की खुशियाँ लेकर,
एक नन्हा मेहमान हमारे घर आएगा ।।
– राज कवि आज़ाद, हरिद्वार