Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2024 · 1 min read

धुआँ सी ज़िंदगी

तुमने केवल यादों की राख को देखा है,
हर कश में जो धुआँ निकला
वो ठीक से नहीं देखा
वो धुआँ नहीं मैं ख़ुद था

डा राजीव “सागरी”

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गणेश जी पर केंद्रित विशेष दोहे
गणेश जी पर केंद्रित विशेष दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
हदें
हदें
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"कलयुग का साम्राज्य"
Dr. Kishan tandon kranti
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
Ranjeet kumar patre
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
अच्छे समय का
अच्छे समय का
Santosh Shrivastava
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
*कुछ पुरातन और थोड़ा, आधुनिक गठजोड़ है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हमसफर ❤️
हमसफर ❤️
Rituraj shivem verma
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
हाहाकार
हाहाकार
Dr.Pratibha Prakash
उत्तम देह
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीना सीखा
जीना सीखा
VINOD CHAUHAN
प्यारा सा स्कूल
प्यारा सा स्कूल
Santosh kumar Miri
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
विरह वेदना फूल तितली
विरह वेदना फूल तितली
SATPAL CHAUHAN
एक जिद मन में पाल रखी है,कि अपना नाम बनाना है
एक जिद मन में पाल रखी है,कि अपना नाम बनाना है
पूर्वार्थ
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
Befikr Lafz
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
ओनिका सेतिया 'अनु '
ये  बेरुखी  अच्छी  नहीं  बातें  करो।
ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
-बहुत देर कर दी -
-बहुत देर कर दी -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
👍एक ही उपाय👍
👍एक ही उपाय👍
*प्रणय प्रभात*
यूँ तो कभी
यूँ तो कभी
हिमांशु Kulshrestha
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...