Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

कौन यहाँ पर पीर है,

कौन यहाँ पर पीर है,
किसको कहें फकीर ।
सबकी दाता ने लिखी ,
अलग-अलग तकदीर ।।

सुशील सरना / 6-4-24

21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
Kanchan Khanna
वक्त गर साथ देता
वक्त गर साथ देता
VINOD CHAUHAN
आबाद मुझको तुम आज देखकर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
धर्म की खिचड़ी
धर्म की खिचड़ी
विनोद सिल्ला
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
प्यार है,पावन भी है ।
प्यार है,पावन भी है ।
Dr. Man Mohan Krishna
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
छोटी छोटी चीजें देख कर
छोटी छोटी चीजें देख कर
Dheerja Sharma
*
*"बापू जी"*
Shashi kala vyas
* लोकतंत्र महान है *
* लोकतंत्र महान है *
surenderpal vaidya
हर रोज़
हर रोज़
Dr fauzia Naseem shad
*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*
*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"कोढ़े की रोटी"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रिंट मीडिया का आभार
प्रिंट मीडिया का आभार
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
Devesh Bharadwaj
निष्ठुर संवेदना
निष्ठुर संवेदना
Alok Saxena
आज के दौर
आज के दौर
$úDhÁ MãÚ₹Yá
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
सपनो का सफर संघर्ष लाता है तभी सफलता का आनंद देता है।
पूर्वार्थ
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
नूरफातिमा खातून नूरी
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बे-आवाज़. . . .
बे-आवाज़. . . .
sushil sarna
2952.*पूर्णिका*
2952.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
अनुभव
अनुभव
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
Loading...