23/47.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
Good things fall apart so that the best can come together.
दिल को एक बहाना होगा - Desert Fellow Rakesh Yadav
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
वापस लौट आते हैं मेरे कदम
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
One day you will realized that happiness was never about fin
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
हम मोहब्बत की निशानियाँ छोड़ जाएंगे
*भर कर बोरी रंग पधारा, सरकारी दफ्तर में (हास्य होली गीत)*