Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2017 · 1 min read

धर्म कोई कहता नहीं

दर्द दे कर तूने क्या पाया ?
क्या दर्द देने ही जहां में आया ?

देकर खुशियां थोड़ी खुशियां ले लो,
ऐसे न तुम जीवन से खेलो,

जीने दो औरों को और तुम खुद भी ,
अपना जीवन जी लो,

पत्थर सा तेरा दिल क्यों है?
धर्म के नाम मरता मारता क्यों है ?

मासूम बेगुनाहों को बेवजह,
डरा धमका संघारता क्यों है ?

धर्म कोई कहता नहीं हैl
जान लेने देने को,
गुरु ग्रंथ साहिब, बाइबल ,गीता और कुरान तुम देखो, एक एक पन्ने मानवता का संदेश देते भगवान देखो ,

इंसान बन धरा पर आया ,
इंसानियत का न तुझे ,
कोई यहां पाठ पढ़ाया l
उल्टी-सीधी बातें बता कर तुझे तेरी राह से भटकाया,

जीवन तेरा तेज हवा का झोंका ,
कब आया कब चला गया ,
तुझे इसका भान नहीं कि तू कितना यहां छला गया l

©® रीता यादव

Language: Hindi
421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज़ादी की क़ीमत
आज़ादी की क़ीमत
Shekhar Chandra Mitra
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
हासिल नहीं है कुछ
हासिल नहीं है कुछ
Dr fauzia Naseem shad
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
फेसबुक की बनिया–बुद्धि / मुसाफ़िर बैठा
फेसबुक की बनिया–बुद्धि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
🙅चुनावी पतझड़🙅
🙅चुनावी पतझड़🙅
*Author प्रणय प्रभात*
हुस्न अगर बेवफा ना होता,
हुस्न अगर बेवफा ना होता,
Vishal babu (vishu)
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
Neelam Sharma
गुनहगार तू भी है...
गुनहगार तू भी है...
मनोज कर्ण
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-291💐
💐प्रेम कौतुक-291💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा
दोहा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
23/109.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/109.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"पेंसिल और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी एक आज है
जिंदगी एक आज है
Neeraj Agarwal
ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਗਲਿਆਰੇ
ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਗਲਿਆਰੇ
Surinder blackpen
जज्बात
जज्बात
अखिलेश 'अखिल'
विवशता
विवशता
आशा शैली
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
फितरत
फितरत
पूनम झा 'प्रथमा'
कुछ यादें जिन्हें हम भूला नहीं सकते,
कुछ यादें जिन्हें हम भूला नहीं सकते,
लक्ष्मी सिंह
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वर्षा के दिन आए
वर्षा के दिन आए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
शेखर सिंह
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
कवि दीपक बवेजा
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
عظمت رسول کی
عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...