धर्म और समाज
चलो आज इक गुमनाम समाज का आइना सबको दिखाते हैं,
इंसानियत का तमाशा करने वालों को सच्चाई से रूबरू कराते हैं,
धर्म की बातें करने वालों को धर्म का असल आइना दिखाते हैं,
हिन्दू मुसलमान की बातें करने वालों को एकता का आइना दिखाते हैं,
असहिष्णुता का राग गाते लोगों को इसका मर्म समझाते हैं,
धर्म के नाम पर आतंकित लोगों को अल्लाह राम की यारी से मिलवाते हैं,
झगड़ते जो मंदिर मस्जिद के नाम पर उनको समाज का नया रूप दिखाते हैं,
आओ किसी रहीम के घर पर राम का आशियाना दिखाते हैं,
बात करते ग्रंथो की जो उन्हें ग्रंथ का अर्थ सही बतलाते हैं,
देते जो उपदेश गीता क़ुरान का उन्हें अच्छे बदलाव का पाठ पढ़ाते हैं