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25 Aug 2020 · 1 min read

धरा से संवाद १

माता, इतनी कहर क्यो बड़पा रही,
हमें क्यों इतना तड़पा रही,
हो गए हैं हम बेघर,
अब बताओ हम जाएं किधर,
करते जो तेरा चिर हरण,
उनका ना कुछ हुआ खण्डर,
गरीबों कि थाली को ,
तु क्यों कर जाती ख़ाली,
रोस तुम्हें है जिस पे,
वह घूमते मतवाले से,
क्रोध किया किसी और पे क्यों,
छिना क्यों उनके आश्रय वालों को,
हा हा कार मची चारों ओर,
दर्द से तेरा दिल ना हुआ झकझोर,
कमी थी क्या उफनते नालों कि,
जो छिन लिया उनके लालो को,
दर्द के सरोवर में तु धकेल उन्हें,
ऐसी बैठि क्यों अकेले में

Language: Hindi
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