Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
279 Followers
Follow
Report this post
7 Jul 2024 · 1 min read
” धरम “
” धरम ”
स्वाभिमान के धरम से बढ़कर
कोई धरम नहीं है,
जिल्लत के जीवन से बदतर
कोई कफ़न नहीं है।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
1 Comment
· 79 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
हमारा प्यार
Dipak Kumar "Girja"
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
Dr. Kishan tandon kranti
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नवरात्रि
Mamta Rani
बेचारी माँ
Shaily
मत मन को कर तू उदास
gurudeenverma198
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
पंकज परिंदा
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
नया साल
विजय कुमार अग्रवाल
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
मुक्तक
Neelofar Khan
"कुण्डलिया"
surenderpal vaidya
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पाने की चाहत नहीं हो
Sonam Puneet Dubey
जैसे हम,
नेताम आर सी
स्पर्श
Satish Srijan
डूबे किश्ती तो
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बोल उठी वेदना
नूरफातिमा खातून नूरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शेखर सिंह
शेखर सिंह
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
Rituraj shivem verma
3191.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
होली
Dr Archana Gupta
Loading...