माँ की गोद…
कुंडलिया छंद
आश्रय देकर गोद में, सदा लुटाती प्यार ;
धरती धीरज धारणी, सहती कष्ट अपार ;
सहती कष्ट अपार, सभी मन शांति डालती ;
देती अन्न अपार, सभी का पेट पालती;
पाठक जी फिलहाल , बताते माँ है धरती;
हिंदु हो या मुस्लिम, सभी को आश्रय देती||
जनार्दन पाठक उर्फ आर्यन पाठक ‘शायर’
हरदोई